झुलापुल का शराब तस्कर दीपक उर्फ दीपू सहित लक्ष्मण को पुलिस ने किया गिरफ्तार , दोनो को किया गया था जिला बदर लेकिन वापिस आकर अपने घरों में रह रहे थे छुपकर
कोटद्वार। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह द्वारा जनपद में आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम, आदतन अपराधियों को चिन्हित कर उनकी निगरानी करने, आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाए जाने, नशे की प्रवृत्ति पर पूर्ण रुप से अंकुश लगाने व अवैध मादक पदार्थो की खरीद फरोख्त/तस्करी करने वालों तथा अवैध गतिविधियों में संलिप्त सक्रिय अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने हेतु समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है।
जिसके क्रम में थाना रिखणीखाल पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त लक्ष्मण सिंह व कोटद्वार पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त दीपक रावत जो कि जनपद में लगातार नशे के कारोबार में सक्रिय थे और सुधरने का नाम नही ले रहे थे ।
के विरुद्ध उ0प्र0 गुंडा नियंत्रण अधिनियम -1970 की धारा 3 (क) की कार्यवाही कर अभियुक्तों को छः माह के लिये जिला बदर (तड़ीपार) की कार्यवाही कर अभियुक्तों को जनपद पौड़ी की सीमा से बाहर भेजा गया था।
थाना रिखणीखाल व कोटद्वार पुलिस टीम को दौराने गोपनीय रूप से निगरानी करने पर जानकारी मिली कि रिखणीखाल का जिला बदर अपराधी लक्ष्मण सिंह व कोटद्वार का जिला बदर अपराधी दीपक रावत अपने-अपने घरों में तड़ीपार होने के बाद भी छः माह से पूर्व घरों में वापस आकर छिपकर रह रहे है। पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए दो अलग-अलग टीमें गठित की गयी। गठित पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त लक्ष्मण सिंह को मैन्दणी देवियोखाल रिखणीखाल क्षेत्र व अभियुक्त दीपक रावत झूलापुल कोटद्वार से गिरफ्तार किया गया। थाना रिखणीखाल से अभियुक्त लक्ष्मण सिंह को माह मार्च 2024 व थाना कोटद्वार से अभियुक्त दीपक रावत के विरूद्ध माह मई 2024 में जिला बदर की कार्यवाही की गई थी।
अभियुक्तों द्वारा पूछताछ में बताया कि हम कुछ समय उत्तर प्रदेश व अलग-अलग जगहों पर अपने रिश्तेदारों के यहां निवास करने के बाद चुपके से अपने-अपने घरों में निवास कर रहे थे। क्योकि अभियुक्तगणों द्वारा उत्तर प्रदेश (उत्तराखण्ड) गुण्डा अधिनियम 1970 की धारा 03/10 का उल्लंघन किया गया है अतः इनके विरुद्ध थाना रिखणीखाल व थाना कोटद्वार में गुण्डा अधिनियम के तहत अलग से अभियोग पंजीकृत किया गया। गिरफ्तारशुदा अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेशकर कर जेल भेज दिया गया है।