भारत तिब्बत सहयोग मंच समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है: ऋतू भूषण खंडूरी

 भारत तिब्बत सहयोग मंच  समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है: ऋतू भूषण खंडूरी

कोटद्वार। भारत तिब्बत सहयोग मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने अपने संबोधन में मंच की गतिविधियों की सराहना की और कहा कि यह मंच समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के मंच समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने और सामाजिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

विशेष रूप से, रितु भूषण खंडूरी ने पूर्व सैनिकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक, अपने अनुशासन, समर्पण और नेतृत्व कौशल के कारण, समाज को बदलने और विकास कार्यों की निगरानी करने में अहम योगदान दे सकते हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों से आह्वान किया कि वे मंच के माध्यम से समाज सेवा में सक्रिय रूप से भाग लें और सामुदायिक विकास के लिए अपनी विशेषज्ञता और अनुभव का उपयोग करें। कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री और राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य धर्मवीर सिंह गुसाई ने भी कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए और मंच की गतिविधियों को और विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया। पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। मंच के तहत भविष्य में और अधिक गतिविधियों और सामाजिक पहलों की योजना बनाई जा रही है, ताकि समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर युवाओं और पूर्व सैनिकों, को विकास कार्यों में शामिल किया सके ।धर्मवीर गुसाई ने कहा कि मंच हिमालय राज्य और तिब्बत की साझी संस्कृति को बचाने के लिए बड़ी गहराई से काम कर रहा है ।

धर्मवीर गुसाई ने इस बात पर चिंता जताई कि हिमालय का पर्यावरणीय संतुलन तेजी से बिगड़ रहा है, जिसके कारण हिमालयी क्षेत्र की सेहत ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड जैसे राज्यों को भारी बाढ़, हिमस्खलन, और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। हिमालयी क्षेत्र में बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के लिए गुसाई ने जलवायु परिवर्तन, अनियोजित विकास, और पर्यावरणीय क्षरण को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान भारी वर्षा, ग्लेशियर्स के पिघलने, और अनियंत्रित मानवीय गतिविधियों जैसे सड़क निर्माण, जंगलों की कटाई आदि से भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। उदाहरण के तौर पर, 2025 के मॉनसून में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर में भारी तबाही देखी गई, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई और व्यापक क्षति हुई।

गुसाई ने मंच के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संगठन पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि हिमालयी क्षेत्र में आपदा जोखिम को कम करने के लिए उपग्रह आधारित निगरानी, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम, और पर्यावरण-अनुकूल अवसंरचना विकास जैसे कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही, उन्होंने स्थानीय समुदायों को शामिल करके और सतत पर्यटन को बढ़ावा देकर पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष कुलदीप रावत, रि. कैप्टन हर्षवर्धन सिंह बिष्ट,रि. कैप्टन जयराज सिंह ,रि कैप्टन राकेश बडथवाल,रि कैप्टन रविंद्र सिंह ,रि कैप्टन कलम सिंह रमोला ,रि कैप्टन भजन सिंह ,रि कैप्टन अशोक भारद्वाज ,रि सूबेदार मेजर सतीश जोशी,रि सूबेदार अनिल द्विवेदी,रि सूबेदार मेजर गोपाल दत्त जखमोला,रि हवलदार प्रभाकर जखमोला ,रि सूबेदार सतपाल सिंह , रि हवलदार , जगमोहन सिंह रि हवलदार भारत सिंह,रि हवलदार विनोद सिंह नेगी ,शशि बाला केषटवाल, रानी नेगी ,लीला कर्णवाल,लक्ष्मी नेगी, देवेंद्र कुंडलिया, लक्ष्मी बडोला, पार्षद सुभाष पांडे, लक्ष्मी नेगी, संजय चौहान, ममता भट्ट सहित भारी संख्या मे लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन शशि बाला कैस्टवाल द्वारा किया गया

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