फर्जी बोहरा कंपनी के मुख्य अभियुक्त दिलीप सिंह बोहरा को पुलिस ने किया गिरफ्तार, अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश है जारी

 फर्जी बोहरा कंपनी के मुख्य अभियुक्त  दिलीप सिंह बोहरा को    पुलिस ने किया  गिरफ्तार,  अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश है जारी

कोटद्वार। वादिनी यास्मीन निवासी- कोटद्वार द्वारा कोतवाली कोटद्वार पर एक शिकायती प्रार्थना–पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें उल्लेख किया गया कि सितम्बर 2023 से सितम्बर 2024 तक बोहरा कंपनी के डायरेक्टर भीम सिंह के कहने पर वादिनी ने कंपनी में एक वर्ष की अवधि हेतु खाता खोलकर ₹100/- प्रतिदिन के हिसाब से कुल ₹36,500/- जमा किए। वादिनी द्वारा आरोप लगाया गया कि निर्धारित समय पूर्ण होने के पश्चात भी कंपनी द्वारा पूर्ण ब्याज सहित धनराशि वापिस नहीं की गई तथा कंपनी के संचालकों द्वारा ऑफिस बंद कर धोखाधड़ी की गई। जिस पर कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा अपराध संख्या–228/24 धारा 318(4) दर्ज किया गया।


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार द्वारा आमजनमानस के साथ हो रही आर्थिक धोखाधड़ी की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करने एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

जिसके क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक चन्द्र मोहन सिंह एवं क्षेत्राधिकारी निहारिका सेमवाल के पर्यवेक्षण व प्रभारी निरीक्षक रमेश तनवार के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। दौराने विवेचना यह तथ्य प्रकाश में आया कि उक्त कंपनी द्वारा कोटद्वार क्षेत्र सहित राज्य के अन्य जगहों पर भी कई लोगों से भी इसी प्रकार के खाते खुलवाकर लाखों रुपये जमा कराए गए, तथा ब्याज सहित मूल रकम लौटाने का झूठा झांसा देकर कंपनी अब फरार हो गई। धोखाधड़ी के चलते कंपनी मालिक के विरूद्ध जनपद देहरादून व टिहरी में पहले भी धोखाधड़ी के मामले में अभियोग पंजीकृत किए गये हैं। गठित पुलिस टीम द्वारा कुशल सुरागसी एवं पतारसी, बैंक खातों के विवरण तथा अन्य तकनीकी जांच–साक्ष्य संकलित करते हुए मुख्य अभियुक्त दिलीप सिंह बोहरा को देहरादून से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ का विवरण।
दौरान पूछताछ अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उसके अन्य साथियों — भीम सिंह प्यारे राम, बालकरण, सुरेंद्र सिंह नेगी एवं सूरजमनी सेमवाल आदि द्वारा मिलकर “बोहरा ग्रामीण विकास निधि लिमिटेड” नामक कंपनी खोली गई थी। उक्त कंपनी मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स भारत सरकार में रजिस्टर्ड अवश्य थी, किंतु नियमानुसार कंपनी को जनता से धनराशि एकत्रित करने, आर.डी., एफ.डी. अथवा अन्य जमा योजनाएँ संचालित करने का कोई वैध अधिकार प्राप्त नहीं था। इसके उपरांत भी कंपनी के सदस्यों द्वारा जनता के बीच पासबुक जारी कर धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से धन जमा कराया जाता रहा, जो अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। जिस आधार पर मुकदमे उपरोक्त में दिनांक 12.06.2025 को धारा- 3(5), 61(2), 336(3), 338, 340(2) बी.एन.एस. तथा 3, 21(3) बड्स एक्ट का इजाफा करते हुए नामजद अभियुक्तगण दिलीप सिंह बोहरा, सुरेंद्र सिंह नेगी, भीम सिंह प्यारे राम, सूरजमनी सेमवाल एवं बलकरण के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की गई है। प्रकरण में नामजद अभियुक्त फरार चल रहे हैं जिनकी गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम द्वारा सतत दबिश दी जा रही है एवं शीघ्र गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है।
पुलिस टीम में।
1.उपनिरीक्षक श्री अनिल चौहान
2.अपर उपनिरीक्षक श्री अहसान अली- सीआईयू
3.मुख्य आरक्षी श्री शशिकांत त्यागी
4.आरक्षी श्री गंभीर- सीआईयू

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share
error: Content is protected !!