यति परमात्मा गिरि महाराज ने पुलिस पर लगाया हत्या के षड्यंत्र का आरोप

 यति परमात्मा गिरि  महाराज ने  पुलिस पर लगाया हत्या के  षड्यंत्र का  आरोप

कोटद्वार। यति परमात्मा गिरी महाराज ने कोतवाली कोटद्वार पुलिस में गंभीर आरोप लगाये है। उन्होंने अपने खून से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिख कर बताया है कि वह एक धर्म गुरु हूं और पिछले 20 वर्षों से हिंदू समाज के लिए निस्वार्थ कार्य पूरे उत्तराखंड में कर रहा है।

साथ ही उन्होंने कहा है कि वह जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज का शिष्य हूं जिनका गला काटने के लिए इस्लामिक आतंकवादियों ने कई सौ करोड़ का इनाम रखा हुआ है और मैं भी पूरी दुनिया के इस्लामी आतंकवादियों के निशाने पर हूं और देश-विदेश से लगातार मुझे जान से मारने एवं गला काटने की धमकियां लगातार मिलती रहती हैं लेकिन मैं बिना किसी सुरक्षा के अपनी जान की परवाह न करते हुए समाज का कार्य करता रहता हूँ।

उन्होंने आगे बताया कि वह एक मस्जिद के सामने लोकतांत्रिक शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन की घोषणा की और वह 26 नवंबर को शाम के समय गलती से चाय बनाते समय उनसे चाय में कोई जहरीला पदार्थ गिर गया।

और वह उसे चाय को पी गया कुछ देर बाद स्वास्थ्य खराब होने पर वह राजकीय संयुक्त चिकित्सालय कोटद्वार के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में गया जहां पर ड्यूटी में तैनात चिकित्सक ने मेरे पेट में जहरीला पदार्थ होने की पुष्टि की और उनकी चिकित्सा प्रारंभ की जिसकी पुष्टि चिकित्सालय से की जा सकती है।

इसी दौरान कोटद्वार थाने से एक कांस्टेबल का फोन आया और उसने कहा कि कोटद्वार थाने के प्रभारी आपसे 5 मिनट के लिए एक आवश्यक वार्ता करना चाहते हैं आप थाने आ जाइए लेकिन चिकित्सक मुझे तुरंत भर्ती करना चाहते थे लेकिन अपने प्राणों को संकट में डालकर एक धर्म गुरु का दायित्व निभाने हेतु मैं थाने में गया और चिकित्सक से अनुरोध किया।

कि आप मुझे भर्ती करने की तैयारी कीजिए मैं 10 मिनट में अपना धर्म और समाज के प्रति कर्तव्य पूरा करके आता हूं इसके बाद में थाने चला गया वहां जाते ही थाना प्रभारी द्वारा मुझे एक एकांत स्थान पर बैठा दिया गया।

और कहा गया की आपको अरेस्ट किया गया है अब आप कहीं नहीं जा सकते मैंने पूछा कि मुझे क्यों अरेस्ट किया है तो मुझे एक कागज दिखाया गया इसके बारे में पूर्व में मुझे कोई भी सूचना ने तो माननीय न्यायालय के द्वारा और न हीं पुलिस के द्वारा दी गई थी मुझे कुछ भी ज्ञात नहीं था।

( इसकी जांच होनी चाहिए )इसके बाद मैंने कहा कि मैं हॉस्पिटल में एडमिट होने जा रहा हूं मेरे पेट में जहर है मेरी मृत्यु हो सकती है मुझे तुरंत एडमिट होना है आप मुझे तुरंत एडमिट कर दीजिए तो थाना प्रभारी ने कहा कि अब तुम जियो या मरो हम यहां से तुम्हें कहीं नहीं जाने देंगे और इसके बाद पूरी रात में तड़पता रहा तथा जिंदगी और मौत से लड़ता रहा इसके बाद अगली सुबह बलपूर्वक मुझे बदबूदार हवालात में डाल दिया।

और वहां के प्रांगण में मुल्ला मौलवी थाना प्रभारी के साथ बैठकर मेरा उपहास कर रहे थे और संन्यासी अपना और भगवे का तथा सनातन धर्म का सरे आम अपमान विवशता पूर्वक देख रहा था इसके बाद थाने में अपराधी लोगों के साथ मुझे खड़ा करके फोटो वीडियो बनाए गए और पुनः एक धर्म गुरु का अपमान किया गया और जान पूछ कर मुझे कोर्ट में देरी से पेश किया गया ताकि मेरी जमानत न हो सके

साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस ने विधर्मियों के इशारे पर उनके द्वारा मेरी हत्या का षड्यंत्र किया गया और भविष्य में यह लोग मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं उन्होंने पुलिस अधिकारी को हिंदू समाज के लिए घातक बताकर पुलिस की सेवा से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।

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