कोटद्वार में कई सालों से पुराने पुल खड़े है बड़े ही शान से, पढ़िए कौन कौन से है वो नायाब पुल
कोटद्वार । शहर के कई इलाकों मे बाढ़ आने से कई पुलों का टूटने का सिलसिला तो आपने देखा और सुना तो होगा ही लेकिन शहर में कई पुल ऐसे भी है जो कई सालों से बाढ़ को झेलते हुए बड़े ही शान से खड़े हुए है।
जी हम बात कर रहे है देवीरोड की पुलिया की जिससे कई लोग इस पुल को प्यार करते है. न जाने कोटद्वार की कितनी पीढ़ियों की यादें इससे जुड़ी हैं, जिन्होंने इसके आर-पार बस, कार, स्कूटर, टांगों या फिर किसी अन्य वाहन पर सफर किया है.
इस मानसून में भारी वर्षा में पनियाली गदेरा इस पुल के निशान से ऊपर बह रही है जिस कारण क्षेत्र के आसपास के लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है लेकिन यह पुल इसके बावजूद भी खड़ा हुआ और पुल से लोगों और वाहनों का अवजाही बंद नही हुई हैं।
दूसरा पुल झुलापुल हैं जो कई सालों से अभी तक कई सालो से खड़ा हुआ है जबकि इसके साथी पुल जो अभी भारी आपदा में टूट गया था जो कि बने हुऐ कुछ ही सालो हुए थे।
लोहे के इस पुल को हमने कभी भी बनते या बदलते हुए नही देखा है नए पुल के शुरू होने के बाद हम कह सकते हैं कि लोहे का पुल अब ‘आराम’ करेगा, लेकिन यह फिलहाल दूर की कौड़ी जैसा प्रतीत होता है. इस पुराने पुल ने कई सालों से भी अधिक समय तक कोटद्वार और स्नेह के लोगो की सेवा की है।
तीसरा पुल कोडिया का पुल है जो कि सालो से अभी भी बड़े ही शान से खड़ा है इस पुल ने भी कई बाढ़ व भारी वर्षा का सामना किया हैं लेकिन इस पुल से लोगो की आवाजाही और वाहनों का चलना बंद नही हुआ जबकि यह पुल कोटद्वार से बाहर राज्यों मे जाने के लिए कई बड़े व छोटे वाहन दिन रात चलते हैं। वकाई इन पुलो को बनाने वालो का कोई जवाब नही है।